एक बार मुझे
“एक बार मुझे”
हिला पहाड़ मुझे एक बार, अन्दर से, मेरी अनुभुति के लिए.
एक बार तो अवसर दे, मुझे पहाड़, मेरी अभिव्यक्ति के लिए.
मै नही जानता तु कितना विशाल है,
मै नही जानता तु कितना कठोर है,
एक बार मुझे टकराने दे पहाड़,
तेरी विशालता,कठोरता जानने के लिए.
मै नही जानता तु कितना ऊंचा है,
मै नही जानता तु कितना उतार है,
एक बार मुझे अवसर दे पहाड़,
चढने और उतरने के लिए.
मै नही जानता हु, कि तुझमे कितना विरहपन है, खामोशी है.
एक बार मुझे फिर आने दे पहाड़, वादी मे, बांसुरी वादन के लिए.