Poems August 27, 2016 Narender semwal ।। चाय तमाखुन ख्वै इंसान ।। “रघुपति राघव राजा- राम पतित पावन सीता- राम” चाय बिड़ी सिगरेट तमाखू मनखी सुबिना तक नी चाखु। घरु घरु से Read More