ब्वारि ऐसी चाहिए
ब्वारि ऐसी चाहिए
जो अंग्रजी के साथ गढ़वाली भी बच्याती हो ।
घास काटने के साथ फेसबुक भी चलाती हो ।
केवल टीबी पर न चिपकी रहे, गोणी बांदर भी भगाती हो।
ब्वारि ऐसी चाहिए , जो सबको भाती हो ।
ब्वारि ऐसी चाहिए जो
पिज्जा चोमिन के साथ प्यळयो छछेंडू भी बनाती हो।
करवा चौथ न सही पर बग्वाल जरूर मनाती हो।
चाइनीज लड़ी के साथ कडवा तेल का दीया भी जलाती हो।
ब्वारि ऐसी चाहिए जो सबको भाती हो।
नौनो को अंग्रजी के साथ गढ़वाली भी सिखाती हो।
ब्वारि ऐसी चाहिए जो
सबको भाती हो।
मुझे देख के न सही पर जेठणा जी को देख कर सिर जरूर ढकाती हो।
हिंदी गीतों के साथ नेगी जी के गाने भी गुनगुनाती हो।
थैली के दुध के भरोंसे न रहकर गौड़ी भी पिजाती हो।
ब्वारि ऐसी चाहिए जो
सबको भाती हो।
हम उमर लोगों को हैलो और दाणा सयेणो को सेवा लगाती हो।
जादा गरा न सही पर जंगल से घास लकड़ी भी लाती हो।
चकडेतू के लिए चकड़ेत हो लाटो के लिए लाटी हो ।
हैरी मरच सी जरा तीखी भी हो।
खटटे के लिए खटी,मिट्ठे के लिए,मिट्ठी हो।
मयाळु हो गयाळु हो ,न गोरी न चिटी हो।
बस दगड़यों मनै की मीठी हो।