वो मज़ा
वो मज़ा बिसलेरी में कहाँ, जो पंदेरे की धार में मिलता
ककड़ी के रैले जैसा मज़ा ना, किसी कोल्ड्रिंक के जार में मिलता
वो मज़ा अनभुटी सब्जी में कहाँ, जो जख्या के तुड़के में है।
वो मज़ा कहाँ मिलेगा जो, मालू के पत्तल पुड़के में है
वो मज़ा बर्फी में कहाँ जो, अरसे की रस्याँण में है।
वो मज़ा बैंड बाजे में कहाँ जो, ढोल दमाऊ की मंडाण में है।
जहाँ हिंवाली फूलों वाली, मस्त गदनों की गाड़ है
दुनिया से ज्यादा मज़ेदार तो, मेरी डांडी कांठ्युं का पहाड़ है.. जय भारत जय उत्तराखंड
खूबसूरती व सुन्दरता हमारे प्यारे उत्तराखंड की शान है