।।तस्मै श्री गुरवे नमः।।शिक्षक-दिवस पर आधारित।।

Share

65be1-adishankaracharyawithhisdisciples

गुरु: ब्रह्माः गुरुः विष्णुः गुरुः देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात् परब्रह्मः तस्मै श्री गुरवे नमः।।

 

प्रश्न:- गुरु अथवा शिक्षक कौन हैं।

उत्तर:- धी राति अथवा ददाति गुरु इत्यर्थः। अर्थात् जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए व सद्बुद्धि को प्रदान करे वही गुरु होता है।

भारत में शिक्षक दिवस की परंपरा आज कोई नयी बात नहीं है यह सदियों से चली आ रही है जब भारत में केवल गुरुकुल हुआ करते थे और सभी छात्र-छात्राएं वहां पढ़ने जाते थे। वैसे प्राचीन समय में प्रतिदिन प्रातः सभी विद्यार्थी अपने गुरु का पूजन करते थे इसका मतलब ऐसा कुछ भी नहीं कि आज के समान शिक्षकों को गिफ्ट देना पड़ता था केवल “पाद्य” अर्थात् पैर धोने का जल और “अर्घ्य” अर्थात् हाथ धोने का जल दिया जाता था इसके बाद सभी ध्यान से गुरुमुख से निकला हुआ एक-एक वाक्य बड़े ही ध्यान से सुनकर स्मरण कर लेते थे क्योंकि लिखने की परंपरा व साधन उतने सुदृढ़ न थे कालान्तर में भोजपत्रों व ताम्रपत्रों का उपयोग लेखन के लिए किया जाता था। स्मरण शक्ति इतनी तीव्र होने के कारण ही शिष्य सदियों तक इन विद्याओं को आगे अपने शिष्यों को प्रदान कर पाते थे। इसके लिए शिष्यों को गुरनिष्ठ होना पड़ता था। गुरु भी बिना किसी भेदभाव के सभी बालकों चाहे वे साधारण हो या राजकुलीन सबको सामान रूप बिना दक्षिणा लोभ के शिक्षा देते थे। किन्तु कालान्तर में इस व्यवस्था में विकृति आ गयी शिक्षक और छात्र दोनों अपने अपने धर्मं को भूल गए।

 

images (15)

आज के आधुनिक भारत की बात करें तो आजादी के बाद से प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है मनाया क्या जाता है  केवल औपचारिकता भर निभायी जाती है। ये दिन इसलिए शिक्षक-दिवस के रूप में चुना गया क्योंकि इस दिन डॉ सर्वपल्ली श्री राधाकृष्णन् का जन्म दिवस है। शिक्षा के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए ये दिन उन्हें और अन्य शिक्षकगणों को समर्पित किया जाता है।

 

chanakya01

चाणक्य ने कहा था कि :- एक शिक्षक इतना सामर्थ्यवान होता है यदि वह चाहे तो शिक्षा के बल पर एक व्यक्ति, व्यक्ति से समाज, और समाज से राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। यदि वो ऐसा नहीं कर पाता तो उसका जीवन निरर्थक है अतः शिक्षक को चाहिए कि वह अपने दायित्व का पूर्ण रूप से निर्वाह करे और छात्रों के मन में राष्ट्रवाद की अलख जगाये।  माचिस की तीली जलने पर जैसे प्रकाश होता है और अन्धकार मिट जाता है वैसे ही गुरु के भीतर का ज्ञान जब प्रकाशमान हो जाता है तो विद्यार्थी के अज्ञान रुपी अन्धकार को भी मिटा देता है।

सभी छात्र मन लगा कर पढ़े, अपने शिक्षकों का आदर केवल एक दिन न कर, प्रतिदिन शिक्षक दिवस के समान मनाएं और शिक्षक भी अपने भीतर, ये जो मैं कार्य कर रहा हूँ यह मेरे ही राष्ट्र और राष्ट्र के लोगों की उन्नति के लिए है ऐसी भावना से अपना कर्त्तव्य का निर्वहन करें। सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं।।

सधन्यवाद

          कृपया पोस्ट को पढ़ने के बाद यदि अच्छी लगे तो शेयर अवश्य करें और अपने कमेंट भी हमे भेजें।

 

 

ऐसे ही रोचक जानकारियों के लिए हमारी वेबसाइट www.garhchetna.com पर लॉग इन करें तथा साथ ही हमारे facebook पेज को लाइक और फॉलो करे। आप हमारे youtube चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।

 

One thought on “।।तस्मै श्री गुरवे नमः।।शिक्षक-दिवस पर आधारित।।


  • Fatal error: Uncaught Error: Call to undefined function mysql_escape_string() in /home/aapkavote/garhchetna.com/wp-content/plugins/genie-wp-matrimony/application/controllers/GenieWPMatrimonyController.php:155 Stack trace: #0 /home/aapkavote/garhchetna.com/wp-includes/class-wp-hook.php(309): GenieWPMatrimonyController->gwpm_get_avatar('<img alt='' src...', 'satishssn72@yah...', 74, 'http://garhchet...') #1 /home/aapkavote/garhchetna.com/wp-includes/plugin.php(189): WP_Hook->apply_filters('<img alt='' src...', Array) #2 /home/aapkavote/garhchetna.com/wp-includes/pluggable.php(2801): apply_filters('get_avatar', '<img alt='' src...', Object(WP_Comment), 74, 'http://garhchet...', '', Array) #3 /home/aapkavote/garhchetna.com/wp-content/themes/colormag/inc/functions.php(412): get_avatar(Object(WP_Comment), 74) #4 /home/aapkavote/garhchetna.com/wp-includes/class-walker-comment.php(184): colormag_comment(Object(WP_Comment), Array, 1) #5 /home/aapkavote/garhchetna.com/wp-includes/class-wp-walker.php(146): Walker_Comment->start_el(' in /home/aapkavote/garhchetna.com/wp-content/plugins/genie-wp-matrimony/application/controllers/GenieWPMatrimonyController.php on line 155
    WordPress › Error

    There has been a critical error on this website.

    Learn more about troubleshooting WordPress.