गोवर्धन महोत्सव

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श्री गोवर्धन महाराज ।
तेरे माथे मुकुट विराज रहयौ।।

तोपे पान चढ़ै तो पे फूल चढ़ै …और चढ़ै दूध की धारहो धार ।।
तेरे माथे मुकुट विराज रहयौ ..

तेरे कानन कुण्डल सोय रहयो …तेरे गल बैजन्ती माल हो माल ।।
तेरेमाथे मुकुट विराज रहयौ …

तेरे काँधे पै कारी कामरिया…तेरी ठोड़ी पे हीरा लाल हो लाल ।।
तेरे माथे मुकुट विराज रहयौ …

तेरे निकट मानसी गँगा है …जा मेँ न्हाय रहे नर नार हो नार ।।
तेरे माथे मुकुट विराज रहयौ…

तेरी सात कोस की परिक्रमा मेँ …है चकलेश्वर विश्राम हो विश्राम ।।

तेरे माथे मुकुटविराज रहयौ …श्री गोवर्धन महाराज महाराज ।
तेरे माथे मुकुट विराज रहयौ

गोवर्धन महोत्सव की आपको बधाई हो

Govardhan