घी संक्रांति

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घी संक्रांति :

घी संक्रांति भाद्रपद महीने की एक गते को मनाया जाता है.  इसे ओलगिया संक्रांति भी कहते हैं.  कुमाऊँ के चन्द्र बंशी राजाओं के समय  संक्रांति के दिन शिल्पबिद अपनी दस्तकारी की बस्तुएं राजा को दिखाते थे.  राजा इस दिन उन्हें पुरुस्कृत करते थे.  प्रजा के लोग भी फल फूल, दूध-दही आदि उत्तम बस्तुएं दरबार में तथा प्रतिष्ठित ब्याक्तियौं के घर ले जाते थे जो ‘ओगल’ या ‘ओग’ कहलाता था.  आज भी यह प्रथा कुछ परिवारों में प्रचलित है.

घी संक्रांति सबको मुबारक हो ।

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